रावल रतनसिंह: पद्मिनी कथा, चित्तौड़ घेराबंदी और मेवाड़ का इतिहास

रावल रतनसिंह (1302–1303 ई.) रावल रतन सिंह का इतिहास – रावल रतन सिंह समर सिंह का पुत्र था, रतन सिंह अपने पिता समर सिंह की मृत्यु के पश्चात मेवाड़ की गद्दी पर 1302 ईस्वी में बैठे। कुंभलगढ़ प्रशस्ति के वह एकलिंग महात्म्य के अनुसार कुंभकरण ने नेपाल में गुहिल वंश की स्थापना की। रावल रतन … Read more

बप्पा रावल (कालभोज): मेवाड़ के संस्थापक और चित्तौड़ के विजेता

बप्पा रावल (कालभोज) (734 –753ई.) कर्नल टॉड के अनुसार भीलों द्वारा नागादित्य की हत्या के बाद राजपूत को उसके 3 वर्ष से पुत्र बप्पा रावल के जीवन की चिंता सताने लगी , उसकी विधवा रानी ने अपने पुत्र बप्पा को वीर नगर की कमलावती के वंशज जो गोहिल/गुहिल राजवंश के कुल पुरोहित थे उन नागर जाति … Read more

शिलादित्य: गुहिल वंश की प्रारंभिक कड़ी और मेवाड़ की परंपरा

गुहिल वंश में शिलादित्य 1. परिचय शिलादित्य गुहिल (गुहादित्य) का पुत्र और उत्तराधिकारी माना जाता है। यह 6वीं–7वीं शताब्दी ईस्वी के आस-पास मेवाड़ क्षेत्र में शासन करता था। शिलादित्य को गुहिल वंश का दूसरा शासक माना जाता है। 2. ऐतिहासिक प्रमाण शिलालेख और स्थानीय ख्यात ग्रंथों में शिलादित्य का उल्लेख मिलता है। शिलादित्य के समय … Read more

मेवाड़ का गुहिल वंश: उत्पत्ति, इतिहास और वंशावली

मेवाड़ का गुहिल वंश की उत्पत्ति और वंशावली राजस्थान का इतिहास वीरता, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथाओं से भरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख स्थान मेवाड़ के गुहिल वंश (Guhil Dynasty of Mewar) को प्राप्त है। यह वही वंश है जिससे आगे चलकर सिसोदिया राजवंश निकला और जिसने महाराणा प्रताप जैसे अमर योद्धा दिए … Read more

मेवाड़ के गुहिल वंश की उत्पति। Origin of Guhil dynasty of Mewar

                 गुहिलो कि उत्पत्ति मेवाड़ के गुहिल वंश कि उत्पत्ति और मूल निवास स्थान के बारे में विद्वानों में काफी मतभेद हैं। गुहिलों कि उत्पत्ति के बारे में विद्वानों का मत निम्न प्रकार से है – अबुल फजल के अनुसार – मेवाड़ के गुहिल ईरान के बादशाह ‘नौशेखां आदिल’ … Read more