विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव चौहान): अजयमेरु का स्वर्णयुग, दिल्ली–हांसी की विजय और सरस्वतीकण्ठाभरण विद्यापीठ

बीसलदेव चौहान/ विग्रहराज चतुर्थ | चौहान वंश

विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव चौहान)– (1158–63) 1158 ई. बीसलदेव चौहान ने अपने भाई जगदेव चौहान को पराजित कर अजमेर पर अधिकार कर लिया। इन्होंने कुमारपाल से पुनः नागौर, पाली, जालौर को विजित किया। कुमारपाल के सामंत सज्जन जो चितौड़ पर शासन कर रहा था उसे पराजित कर चितौड़ को अपने सम्राज्य में मिलाया। चौहान वंश के … Read more

अर्णोराज / आन्नाजी चौहान: अजमेर के शक्तिशाली चौहान, आनासागर झील और चालुक्य संघर्ष

अर्णोराज / आन्नाजी चौहान इनका राज्याभिषेक 1133 ई. में हुआ। अर्णोराज के पिता अजयराज चौहान थे। इनके दरबार में जैनधर्म के दो विद्वान धर्मघोष व देवबोध थे। 

अर्णोराज / आन्नाजी चौहान :– इनका राज्याभिषेक 1133 ई. में हुआ। अर्णोराज के पिता अजयराज चौहान थे। इनके दरबार में जैनधर्म के दो विद्वान धर्मघोष व देवबोध थे। युद्ध अभियान – 1. नागौर के तुर्को ने अजमेर पर आक्रमण किया तब अर्णोराज ने अजमेर के समीप तुर्को को पराजित किया। तुर्को के रक्त को साफ … Read more

सांभर के चौहान (शाकंभरी चौहान): अजमेर स्थापना से तराइन तक की गाथा

सांभर के चौहान | चौहान वंश

सांभर के चौहान इस ब्लॉग में सांभर के चौहान वंश का इतिहास बताया गया है। 1. दुर्लभराज चौहान – यह गुर्जर प्रतिहार शासक वत्सराज का सामंत था। वत्सराज व दुर्लभराज की संयुक्त सेना ने मिलकर बंगाल के शासक धर्मपाल को पराजित किया। नोट:– दुर्लभराज के शासन काल में पहली बाहर अजमेर के आस पास मुस्लिमो … Read more

चौहान वंश का इतिहास: शाकंभरी/अजमेर से तराइन तक, बीसलदेव से पृथ्वीराज तृतीय

चौहान वंश की उत्पत्ति

चौहान वंश का इतिहास।चौहान वंश की उत्पत्ति चौहान वंश का मूल नाम या मूल शब्द चाहमान है। जिस शब्द का अर्थ इस प्रकार से नीचे बताया गया है – मूल नाम:–  चाहमान => चा – चाप –धनुर्विद्या / शास्त्रों में निपुण राजा। => ह – हरि – वह राजा जो ईश्वर में विश्वास रखें। => … Read more