श्रावण माह के त्योहार का परिचय
हिंदू पंचांग में श्रावण मास को सबसे पवित्र और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह माह विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना का होता है। इस दौरान हर दिन व्रत, पर्व और उत्सवों की धूम रहती है। राजस्थान, उत्तर भारत और देशभर में सावन के इन त्योहारों को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
श्रावण माह के प्रमुख त्योहार – एक नजर
| पक्ष | तिथि / पर्व | महत्व / विशेषता |
|---|---|---|
| कृष्ण पक्ष | नाग पंचमी (श्रावण कृष्ण पंचमी) | नाग देवता की पूजा, जोधपुर में नाग पंचमी का मेला |
| कृष्ण पक्ष | निडरी नवमी (श्रावण कृष्ण नवमी) | साँपों के आक्रमण से बचाव हेतु नेवलों का पूजन |
| कृष्ण पक्ष | कामिका चतुर्थी | विष्णु भगवान की पूजा, इसे श्रेष्ठ व्रत माना जाता है |
| कृष्ण पक्ष | हरियाली अमावस्या | प्रकृति के उत्सव का पर्व, पीपल पूजा, मालपुए का भोग, अजमेर में कल्पवृक्ष मेला |
| शुक्ल पक्ष | श्रावणी तीज (हरियाली तीज) | महिला व्रत पर्व, श्रृंगार और पार्वती पूजा, जयपुर की तीज सवारी प्रसिद्ध |
| शुक्ल पक्ष | सिंजारा (तीज से एक दिन पूर्व) | श्रृंगार सामग्री का आदान-प्रदान |
| शुक्ल पक्ष | रक्षाबंधन (पूर्णिमा) | भाई-बहन के स्नेह का पर्व, अमरनाथ में शिवलिंग का पूर्ण आकार |
| शुक्ल पक्ष | सावन सोमवार (पूरे माह) | शिव पूजा व व्रत, इसे वन सोमवार या सुखिया सोमवार भी कहते हैं |
| शुक्ल पक्ष | मंगला गौरी व्रत (प्रत्येक मंगलवार) | माँ गौरी की पूजा, सुहाग व सौभाग्य की कामना |
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के त्योहार
नाग पंचमी (श्रावण कृष्ण पंचमी)
- इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है।
- जोधपुर में नाग पंचमी का भव्य मेला लगता है।
निडरी नवमी (श्रावण कृष्ण नवमी)
- साँपों के आक्रमण से बचाव हेतु इस दिन नेवलों की पूजा की जाती है।
कामिका तृतीया (श्रावण कृष्ण चतुर्थी)
- इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- कामिका एकादशी को विष्णु व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या)
- यह पर्व प्रकृति की हरियाली और समृद्धि की खुशी में मनाया जाता है।
- पीपल के वृक्ष की पूजा और मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है।
- अजमेर जिले के मांगलियावास में “कल्पवृक्ष का मेला” प्रसिद्ध है।
श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के त्योहार
श्रावणी तीज (हरियाली तीज / छोटी तीज) – श्रावण शुक्ल तृतीया
- तीज को “श्रृंगारिक तीज” भी कहा जाता है।
- कहावत है – “तीज त्योहारा बावड़ी, ले डूबी गणगौर”।
- जयपुर की तीज की सवारी विश्व प्रसिद्ध है।
- यह त्योहार अविवाहित कन्याओं और नवविवाहित महिलाओं के लिए विशेष है।
- इस दिन महिलाएँ माता पार्वती से अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
- तीज का प्रिय परिधान है – जयपुर का प्रसिद्ध लहरिया।
सिंजारा (तीज से एक दिन पूर्व)
- सिंजारा का अर्थ है – श्रृंगार सामग्री।
- इस दिन ससुराल से नवविवाहिताओं व लड़कियों के लिए श्रृंगार सामग्री भेजी जाती है।
रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा)
- यह भाई-बहन के प्रेम का पर्व है।
- इस दिन घर के मुख्य द्वार पर श्रवण कुमार के चित्र बनाकर पूजा की जाती है।
- अमरनाथ में बर्फ का शिवलिंग इसी दिन पूर्ण आकार में बनता है।
- इसे “नारियल पूर्णिमा” या “सत्य पूर्णिमा” भी कहते हैं।
सावन के सोमवार (वन सोमवार / सुखिया सोमवार)
- सावन मास के हर सोमवार को शिव भक्त व्रत रखते हैं।
- यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।
मंगला-गौरी पूजा (सावन के मंगलवार)
- सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को माता गौरी की विशेष पूजा की जाती है।
- महिलाएँ इस व्रत से सुख, सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं।
निष्कर्ष
श्रावण माह का प्रत्येक दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। नाग पंचमी से लेकर रक्षाबंधन तक और हरियाली तीज से लेकर मंगला गौरी पूजा तक – यह माह भारतीय संस्कृति की विविधता और भक्ति भावना को दर्शाता है।
श्रावण माह के त्योहार – FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. श्रावण माह में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं?
श्रावण माह में नाग पंचमी, हरियाली अमावस्या, श्रावणी तीज, सिंजारा, रक्षाबंधन, सावन सोमवार और मंगला गौरी पूजा प्रमुख त्योहार हैं।
Q2. नाग पंचमी का महत्व क्या है?
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से सर्पदोष से मुक्ति और परिवार की रक्षा होती है। राजस्थान के जोधपुर में इस दिन विशेष मेला लगता है।
Q3. हरियाली अमावस्या क्यों मनाई जाती है?
यह पर्व सावन की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और मालपुए का भोग चढ़ाने की परंपरा है।
Q4. श्रावणी तीज का क्या महत्व है?
श्रावणी तीज, जिसे हरियाली तीज भी कहते हैं, मुख्यतः महिलाओं का त्योहार है। इस दिन माता पार्वती की पूजा कर महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।
Q5. सावन के सोमवार का क्या महत्व है?
सावन मास के हर सोमवार को भगवान शिव को समर्पित व्रत रखा जाता है। इसे “वन सोमवार” या “सुखिया सोमवार” भी कहते हैं।
Q6. मंगला गौरी पूजा कब होती है?
मंगला गौरी पूजा सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को की जाती है। महिलाएँ इस व्रत को सुख, सौभाग्य और संतान प्राप्ति के लिए करती हैं।