आश्विन से माघ माह तक हिंदू पंचांग अनुसार के प्रमुख त्यौहार – पूरी सूची व महत्व

आश्विन से माघ माह के प्रमुख त्योहार

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं। यहाँ हम आश्विन, कार्तिक, पौष और माघ मास में मनाए जाने वाले त्योहारों की सूची, महत्व और क्षेत्रीय विशेषताओं का वर्णन कर रहे हैं।

माहवार प्रमुख त्यौहार – टेबल चार्ट

माहपक्ष/तिथित्यौहार / पर्वविशेष महत्व / उपनाम
आश्विनकृष्ण प्रतिपदा – अमावस्याश्राद्ध पक्षपितरों को तर्पण
आश्विनशुक्ल अष्टमीदुर्गाष्टमीमाता अष्टमी, वीर अष्टमी, महाष्टमी
आश्विनशुक्ल नवमीनवरात्र का नौवाँ दिनदुर्गा पूजा
आश्विनशुक्ल दशमीविजयदशमी / दशहरारावण दहन, शमी पूजा, कोटा दशहरा
आश्विनशुक्ल पूर्णिमाशरद पूर्णिमाकोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा
कार्तिककृष्ण चतुर्थीकरवा चौथकर्क चतुर्थी, पति की दीर्घायु हेतु
कार्तिककृष्ण एकादशीतुलसी / रमा एकादशीतुलसी पूजा
कार्तिककृष्ण त्रयोदशीधनतेरसभगवान धन्वंतरी जन्मदिवस
कार्तिककृष्ण चतुर्दशीरूप चतुर्दशी (छोटी दीपावली)नरक चतुर्दशी, सौन्दर्य पूजा
कार्तिकअमावस्यादीपावली (दीपोत्सव)श्रीराम का अयोध्या आगमन, लक्ष्मी पूजा
कार्तिकशुक्ल प्रतिपदागोवर्धन पूजा / अन्नकूट महोत्सवनाथद्वारा महोत्सव प्रसिद्ध
कार्तिकशुक्ल द्वितीयाभैयादूजयम द्वितीया, भाई-बहन का पर्व
कार्तिकशुक्ल अष्टमीगोपाष्टमीगाय-बछड़ों की पूजा
कार्तिकशुक्ल नवमीआँवला नवमीधात्री नवमी, अक्षय नवमी
कार्तिकशुक्ल एकादशीदेवउठनी ग्यारसतुलसी विवाह, विष्णु जागरण
कार्तिकशुक्ल पूर्णिमादेव दीपावली / त्रिपुरा पूर्णिमापुष्कर मेला (अजमेर)
पौषसूर्य संक्रांति (14 जनवरी)मकर संक्रांतितिल-गुड़ के पकवान, दान-पुण्य
माघकृष्ण चतुर्थीतिल चौथ / संकट चौथचौथ माता मेला (सवाई माधोपुर)
माघकृष्ण एकादशीषट्तिला एकादशी6 प्रकार के तिल का प्रयोग
माघअमावस्यामौनी अमावस्यागंगा स्नान, मनु जन्मदिवस
माघशुक्ल पंचमीबसंत पंचमीदेवी सरस्वती पूजा, पीला रंग
माघशुक्ल सप्तमीअचला सप्तमी / सूर्य सप्तमीजयपुर का मेला प्रसिद्ध
माघशुक्ल पूर्णिमामाघ पूर्णिमाबेणेश्वर मेला (डूंगरपुर-बांसवाड़ा)

आश्विन माह के त्यौहार

कृष्ण पक्ष

  • आश्विन कृष्ण प्रतिपदा – श्राद्ध पक्ष का दूसरा दिन
  • आश्विन अमावस्या – श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन

शुक्ल पक्ष

  • शारदीय नवरात्र प्रारम्भ – माँ दुर्गा की आराधना का पर्व
  • दुर्गाष्टमी (आश्विन शुक्ल अष्टमी)
    • उपनाम – माता अष्टमी, वीर अष्टमी, महाष्टमी
    • विशेष – नौ कन्याओं को भोजन करवाने की परंपरा
    • बंगाल का प्रसिद्ध पर्व
  • आश्विन शुक्ल नवमी – नवरात्र का नौवां दिन
  • दशहरा / विजयदशमी (आश्विन शुक्ल दशमी)
    • रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले दहन
    • मैसूर व कुल्लू (हिमाचल) का दशहरा विश्व प्रसिद्ध
    • राजस्थान का कोटा दशहरा सबसे मशहूर
    • शमी वृक्ष (खेजड़ी) की पूजा
    • लीलटांस पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है
    • भगवान राम द्वारा रावण वध – बुराई पर अच्छाई की विजय
  • शरद पूर्णिमा (आश्विन पूर्णिमा)
    • उपनाम – कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा
    • इस दिन चन्द्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है
    • सर्वश्रेष्ठ पूर्णिमा मानी जाती है

कार्तिक माह के त्यौहार

कृष्ण पक्ष

  • करवा चौथ (कृष्ण चतुर्थी)
    • उपनाम – कर्क चतुर्थी
    • विवाहित स्त्रियाँ पति की लंबी उम्र हेतु व्रत रखती हैं
  • तुलसी एकादशी (कृष्ण एकादशी) – रमा एकादशी के नाम से प्रसिद्ध
  • धनतेरस (कृष्ण त्रयोदशी)
    • भगवान धन्वंतरी का जन्मदिवस
    • यमराज की पूजा
    • नए बर्तन खरीदने की परंपरा
  • रूप चतुर्दशी (कृष्ण चतुर्दशी)
    • उपनाम – नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली
    • भगवान विष्णु द्वारा नरकासुर वध
    • सौन्दर्य और रूप से जुड़ा पर्व
  • दीपावली (कार्तिक अमावस्या)
    • भारत का सबसे बड़ा पर्व – दीपोत्सव
    • श्रीराम के अयोध्या आगमन की स्मृति
    • सिख परंपरा – गुरु हरगोविंद की रिहाई
    • स्वामी दयानन्द सरस्वती व भगवान महावीर का निर्वाण दिवस

शुक्ल पक्ष

  • गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव (शुक्ल प्रतिपदा)
    • गाय की पूजा
    • राजस्थान का नाथद्वारा महोत्सव प्रसिद्ध
    • “भीलों की लूट” की परंपरा
  • भैयादूज (शुक्ल द्वितीया) – भाई-बहन के प्रेम का पर्व
  • गोपाष्टमी (शुक्ल अष्टमी) – गायों के आदर और सत्कार का पर्व
  • आँवला नवमी / अक्षय नवमी (शुक्ल नवमी) – आँवले के वृक्ष की पूजा
  • देवउठनी ग्यारस (शुक्ल एकादशी)
    • उपनाम – प्रबोधिनी, देवोत्थान
    • विष्णु भगवान के जागरण का दिन
    • विवाह-मांगलिक कार्य प्रारम्भ
    • तुलसी-विवाह का आयोजन
  • देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा)
    • उपनाम – त्रिपुरा पूर्णिमा
    • भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर वध
    • अजमेर (पुष्कर मेला) प्रसिद्ध

पौष माह का त्यौहार

  • मकर संक्रांति (14 जनवरी)
    • तिल के लड्डू, फीणी, पपड़ी बनाने की परंपरा
    • दान-पुण्य का महत्व
    • राजस्थान में “रूठी सास” को मनाने की परंपरा

माघ माह के त्यौहार

कृष्ण पक्ष

  • तिल चौथ (माघ कृष्ण चतुर्थी)
    • उपनाम – संकट चौथ, वक्रतुण्डी चौथ
    • चौथ माता का भव्य मेला (सवाई माधोपुर)
  • षट्तिला एकादशी – 6 प्रकार के तिल का उपयोग
  • मौनी अमावस्या
    • गंगा स्नान का महत्व
    • आचार्य मनु का जन्मदिवस

शुक्ल पक्ष

  • बसंत पंचमी (शुक्ल पंचमी)
    • देवी सरस्वती व कामदेव की पूजा
    • पीले वस्त्र व पीले भोजन का महत्व
    • ब्रज क्षेत्र में धूमधाम
  • अचला सप्तमी (शुक्ल सप्तमी)
    • उपनाम – सौर सप्तमी, भानु सप्तमी
    • भगवान सूर्य की आराधना
    • जयपुर का सूर्य सप्तमी मेला प्रसिद्ध
  • माघ पूर्णिमा – बेणेश्वर का विशाल मेला

हिंदू पंचांग में आश्विन से माघ माह तक अनेक पर्व-त्योहार आते हैं, जिनमें से कुछ क्षेत्रीय रूप से तो कुछ पूरे भारत में मनाए जाते हैं। इन पर्वों से हमारी आस्था, संस्कृति और सामाजिक जीवन गहराई से जुड़ा है।

आश्विन से माघ माह के प्रमुख त्योहार – FAQs

Q1. आश्विन माह में कौन-कौन से प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं?
आश्विन माह में दुर्गाष्टमी, नवरात्रि नवमी, विजयदशमी/दशहरा, और शरद पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।

Q2. कार्तिक माह का सबसे बड़ा पर्व कौन सा है?
कार्तिक माह का सबसे बड़ा पर्व दीपावली है। इसके साथ ही करवा चौथ, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, भैया दूज और देव दीपावली भी मनाए जाते हैं।

Q3. मकर संक्रांति किस माह में आती है और इसका महत्व क्या है?
मकर संक्रांति पौष माह में आती है। यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व है और इस दिन से उत्तरायण का आरंभ होता है।

Q4. माघ माह के प्रमुख त्योहार कौन से हैं?
माघ माह में तिल चौथ, षट्तिला एकादशी, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, अचला सप्तमी और माघ पूर्णिमा जैसे प्रमुख पर्व आते हैं।

Q5. बसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा का दिन है। इसे शिक्षा और संगीत से जुड़े लोग विशेष रूप से मनाते हैं।

Q6. देवउठनी ग्यारस (देवप्रबोधिनी एकादशी) का महत्व क्या है?
देवउठनी ग्यारस कार्तिक शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु 4 माह के शयन (चातुर्मास) के बाद जागते हैं और विवाह-मंगल कार्य आरंभ होते हैं।

Q7. आश्विन से माघ तक के त्योहारों का धार्मिक महत्व क्या है?
इन महीनों में आने वाले त्योहार शक्ति पूजा (नवरात्रि), विष्णु पूजा (एकादशी), लक्ष्मी पूजा (दीपावली), सूर्य पूजा (मकर संक्रांति), और सरस्वती पूजा (बसंत पंचमी) से जुड़े होते हैं। यह समय धर्म, आध्यात्मिकता और सामाजिक एकता का प्रतीक है।

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