अर्णोराज / आन्नाजी चौहान :–
इनका राज्याभिषेक 1133 ई. में हुआ। अर्णोराज के पिता अजयराज चौहान थे। इनके दरबार में जैनधर्म के दो विद्वान धर्मघोष व देवबोध थे।
युद्ध अभियान – 1. नागौर के तुर्को ने अजमेर पर आक्रमण किया तब अर्णोराज ने अजमेर के समीप तुर्को को पराजित किया।
तुर्को के रक्त को साफ करने के लिए आनासागर झील का निर्माण करवाया।
आनासागर झील :–
अर्णोराज ने अजमेर में 1137 ई. में चंद्रा नदी के पानी को रोककर आनासागर झील का निर्माण करवाया।
जहांगीर ने आनासागर झील के किनारे शाही बाग/ दौलत बाग का निर्माण करवाया। वर्तमान में इस बाग का नाम सुभाष उद्यान है।
इसी झील के किनारे नूरजहां की मां अस्मत बेगम ने पहली बार गुलाब व खसखस से इत्र का निर्माण किया।
शाहजहां ने इस झील के किनारे बारहदरी का निर्माण करवाया था।
2. चौहान – चालुक्य संघर्ष –
अहिलवाड़ा के चालुक्य राजा सिद्धराज जयसिंह ने अर्णोराज पर आक्रमण किया किंतु इनकी हार हुई। तथा समझौते के तहत जयसिंह ने अपनी पुत्री कंचन दे का विवाह अर्णोराज चौहान के साथ किया। अर्णोराज ने इनकी दूसरी पुत्री देवल दे से भी विवाह किया।
3. चौहान – चालुक्य पुनः संघर्ष –
कारण – 1. अर्णोराज–देवल दे (कुमारपाल की बहन) चौपड़ खेलते समय एक दूसरे के कुल की निंदा की इस कारण कुमार पाल ने अजमेर पर आक्रमण किया।
2. अर्णोराज कुमारपाल के सामंतो में फूट डाल रहा था।
3. दोनों ही शासक अपने–अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे।
1146 ई. में कुमारपाल ने आबू के नजदीक अर्णोराज को पराजित किया
1150 ई. में कुमारपाल ने अजमेर पर पुनः आक्रमण कर अर्णोराज को पराजित किया।
अर्णोराज चौहान की दो रानीया थी।
1. कंचन दे का पुत्र – सोमेश्वर (पृथ्वीराज तृतीय के पिता)
2. सुधवा के तीन पुत्र – जगदेव, बिसलदेव , देवदत्त
1155 ई. में अर्णोराज चौहान की रानी सुधवा का पुत्र जगदेव चौहान ने अपने पिता की हत्या कर दी। इस कारण इसे –
चौहान वंश का पितृहन्ता जगदेव चौहान को कहते हैं।
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